मध्य प्रदेश के सीएम ने भोपाल में विद्या भारती द्वारा आयोजित ‘सुघोष दर्शन’ कार्यक्रम के दौरान यह घोषणा की (फाइल फोटो: ट्विटर/ @ChouhanShivraj)
मुख्यमंत्री ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी 2020) में क्षेत्रीय भाषाओं को बढ़ावा देने की बात को ध्यान में रखते हुए, मध्य प्रदेश ने इंजीनियरिंग और एमबीबीएस पाठ्यक्रम हिंदी में प्रदान करने के लिए कदम उठाए हैं।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हाल ही में घोषणा की कि राज्य के स्कूलों में वेद, रामायण और महाभारत के अंश पढ़ाए जाएंगे। उन्होंने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर भोपाल में विद्या भारती द्वारा आयोजित ‘सुघोष दर्शन’ कार्यक्रम के दौरान यह घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी 2020) में क्षेत्रीय भाषाओं को बढ़ावा देने की बात को ध्यान में रखते हुए, मध्य प्रदेश ने इंजीनियरिंग और एमबीबीएस पाठ्यक्रम हिंदी में प्रदान करने के लिए कदम उठाए हैं। अक्टूबर 2022 में, मध्य प्रदेश सरकार ने इस शैक्षणिक सत्र 2022-23 से 13 राज्य के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में हिंदी में स्नातक चिकित्सा (एमबीबीएस) पढ़ाने की एक पायलट परियोजना शुरू की।
“रामायण, महाभारत, वेद, उपनिषद, भगवद् गीता हमारे अमूल्य ग्रंथ हैं। इन ग्रंथों में मनुष्य को नैतिक और पूर्ण बनाने की क्षमता है। हम भी (अन्य विषयों के साथ) सरकारी स्कूलों में इन धार्मिक पुस्तकों को पढ़ाएंगे। उनका अध्ययन क्यों नहीं करते?” शिवराज सिंह चौहान ने कही।
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मुख्यमंत्री ने रामचरितमानस जैसा महाकाव्य लिखने के लिए 16वीं शताब्दी के भक्ति कवि तुलसीदास की सराहना की। चौहान ने कहा, “मैं तुलसीदास जी को नमन करता हूं जिन्होंने हमें (तुलसीदास) रामायण जैसे ग्रंथ दिए। इन महापुरुषों का अपमान करने वाले लोगों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मध्यप्रदेश में हम इन पवित्र पुस्तकों को पढ़ाकर अपने बच्चों को नैतिक बनाएंगे और उनका सर्वांगीण विकास सुनिश्चित करेंगे।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा “शिक्षा के तीन उद्देश्य हैं – ज्ञान प्रदान करना, कौशल प्रदान करना और नागरिकता के मूल्यों को विकसित करना। मुझे यह कहते हुए खुशी हो रही है कि विद्या भारती अपने स्थापना काल से ही इन तीनों उद्देश्यों को पूरा करने के लिए काम कर रही है।” “आज नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती है। हम सभी जानते हैं कि अंग्रेजों ने हमें यह आजादी थाली में सजाकर नहीं दी थी। हजारों क्रांतिकारियों ने अपने खून की आखिरी बूंद अर्पित की।”
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