मकर संक्रांति को कई नामों से जाना जाता है
द्रिक पंचांग के अनुसार, मकर संक्रांति को तमिलनाडु में पोंगल, पूर्वी उत्तर प्रदेश में खिचड़ी, गुजरात और राजस्थान में उत्तरायण और हरियाणा और पंजाब में माघी के रूप में मनाया जाता है।
मकर संक्रांति कब है?
लोहड़ी के एक दिन बाद मकर संक्रांति मनाई जाती है। इस वर्ष यह पर्व 15 जनवरी, 2023 रविवार को पड़ रहा है। द्रिक पंचांग के अनुसार संक्रांति तिथि 15 जनवरी को 8:57 बजे रहेगी। वहीं मकर संक्रांति पुण्य काल सुबह 7:15 बजे से 5:46 बजे तक रहेगा। दोपहर (अवधि – 10 घंटे 31 मिनट) और मकर संक्रांति महा पुण्य काल सुबह 7:15 बजे शुरू होगा और रात 9:00 बजे समाप्त होगा (अवधि – 1 घंटा 45 मिनट)।
मकर संक्रांति क्यों हैं?
हिंदू समुदाय के लोग मकर संक्रांति मनाते हैं क्योंकि वे इस अवधि को शुभ मानते हैं। अधिकांश क्षेत्रों में संक्रांति उत्सव दो से चार दिनों तक चलता है। त्योहार के दौरान लोग सूर्य देव की पूजा करते हैं। वे पवित्र जल, नदियों में एक पवित्र छिद्र को शुभ मानते हैं। इस दिन चिट्ठियों को दान करते हैं, पतंग उड़ाते हैं, तिल और गुड़ से बनी बनी मिठाई तैयार करते हैं।